मैंने ऐसा ही किया घर से एक चाकू लेकर आया और जब आंटी सो रही थी। मैंने चाकू से एक छेद कर दिया खिड़की पर लगे गत्ते पर। उसे चाहिए इनमें से मैं आराम से देख सकता था। अंकल साला राक्षस था, वह दबा-दबा कर चोद रहा था। मैं भी बहुत ही ज्यादा जोश से भर गया और दोबारा अपनी पैंट में लंड को मसलने लगा। यह मेरी Aunty Sex Story हैं, जो एकदम सुच और बहुत ही मज़ेदार है।
मैं दिल्ली में रहने वाला एक साधारण सा लड़का था, जिसे बहुत सारी कामुकता इच्छाएं हैं। हम मिडिल क्लास फैमिली से नाता रखते हैं, और हम दिल्ली में सुल्तानपुरी में रहते हैं। मैं आपको बताने जा रहा हूँ की मेने क्या किया जब मैंने पड़ोस के अंकल और भोजपुरी आंटी की चुदाई देखि।
हम एक बिल्डिंग में किराए के घर में और हमारे साथ कई सारे और परिवार भी रहते थे। उन्हें परिवार में से एक परिवार जो कि बिहार से था। वह परिवार भोजपुरी फिल्में देखना बहुत पसंद करता था और मैं अक्सर उनके घर जाया करता था।
वह हमेशा भोजपुरी फिल्में देखते रहते थे ,और मैं, अपनी पड़ोस की भोजपुरी आंटी को देखता रहता था। वह आंटी सच में एक भोजपुरी हीरोइन की तरह थी। उनका शरीर बहुत ही सुडोल और गोल मटोल था, जिसे देखकर मुझे बहुत मजा आता था।
उनके बड़े-बड़े स्तन को देख कर मेरा लंड खड़ा हो जाता था। एक दिन की बात है, जब मैं अचानक उनके घर चला गया और आंटी अपने ब्लाउज के बटन बंद कर रही थी। मैंने उनके बड़े-बड़े मोटे-मोटे गोल-मटोल चूँचे देखलिए और मेरा मुंह खुला रह गया। आंटी एकदम से डर गई और उन्होंने पल्लू से अपने ब्लाउज को छुपा लिया।
लेकिन तब तक मैंने सारा मजा ले लिया था, और उनके सूंदर स्तनों को देख कर अपनी आंखें सेक ली थी।
आंटी ने मुझसे पूछा बेटा तुम यहां क्या कर रहे हो? और ऐसे अचानक घर में मत आया करो दरवाजे को पीट कर आना चाहिए।
मैंने बोला – सॉरी आंटी, लेकिन मम्मी ने चीनी मंगाई थी, इसलिए मैं आया था।
आंटी ने बोला – कोई बात नहीं तुम अभी बच्चे ही हो, यह लो चीनी।
लेकिन आंटी को क्या पता मैं कितना बड़ा हारामी हूं, मैं हर रोज़ XXX Stories पढ़ने वाला और पोर्न वीडियोस देखने वाली लड़का हु जिसके अंदर केसी केसी लालसाये भरी हुई है कोई नही जनता था। आंटी को सिंगार करना मेकअप करना बहुत ही पसंद था और वह हमेशा शीशे के आगे खड़ी रहती थी।
उनका घर और मेरा घर आमने-सामने ही था एक ही छत पर एक ही बिल्डिंग में। वह जब अपने घर के बाहर पोछा लगाती थी तब उनका पल्लू नीचे गिर जाता था। और उनके बड़े-बड़े चूँचे ब्लाउज से बाहर दिखते थे।
जिसे देख कर मेरा लंड खड़ा हो जाता था, और मुझे बहुत ही आनंद आता था। यह सब मैं चुपचाप देखता था और आंटी को कुछ भी पता नहीं लगता था।
एक बार की बात है जब मैं छत पर घूम रहा था तब मैंने यह देखा कि। आंटी के घर की खिड़की पर सिर्फ गट्टे या कागज लगे हुए हैं। उनकी खिड़की पर कोई भी जाली या दरवाजा नहीं लगा था। तो मैंने यह सोचा क्यों ना आंटी की खिड़की में छेद कर दिया जाए। और आंटी के कमरे में ताका झांकी कर कर अपने लंड को मसाला जाए।
क्योंकि मैं बहुत ही हरामी लौंडा था और मैं बहुत नटखट भी था। मैंने ऐसा ही किया घर से एक चाकू लेकर आया और जब आंटी सो रही थी। मैंने चाकू से एक छेद कर दिया खिड़की पर लगे गत्ते पर। उसे चाहिए इनमें से मैं आराम से देख सकता था और घर में क्या चल रहा है झांक सकता था।
उसी वक्त मैंने देखा आंटी सो रही हैं और उन्होंने अपना पल्लू हटा रखा है। क्योंकि दिल्ली में बहुत ही गर्मी पड़ती है और उनका कमरा था भी छोटा सा। आंटी के बच्चे ट्यूशन चले गए थे, और अंकल सातो दिनों की नौकरी थी, रात और दिन की शिफ्ट में।
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अपने मुद्दे पर आता हूं मैंने यह देखा आंटी के तुझे भला उसे बाहर आ रहे हैं। उनके ब्लाउज की तीन चार बटन मैसे बीच की बटन खुली हुई है। और बड़े-बड़े चूची गुब्बारे की तरह बाहर आ रहे थे।
मानव जैसे किसी ने मसल कर उधार दिया हो बड़े बड़े स्तन को। यह देख कर मेरा लंड खड़ा हो रहा था और हिलने लगा जोर जोर से। आंटी ब्लाउज भी बहुत ही छोटा पहनती थी कि मानो बिकनी पहनी हो। उनका ब्लाउज का गला इतना बड़ा था कि आधे स्तन तो ऐसे ही दिख जाते थे, जरासा भी झुकने पर।
तो सोचिए जब वह लेटी होंगी तो कितना आनंदमय दृश्य रहा होगा। एकदम से आंटी ने अंगड़ाई ली और उनके ब्लाउज के सारे बटन खुल गए। यह दृश्य देखकर मैं हैरान रह गया और उनके बड़े-बड़े गोल मटोल चुचे देखकर, मेंरे लंड से पानी टपकने लगा। मैंने पहली बार आंटी के पूरे चुचे देखे थे, अब तक तो आधे देख कर ही काम चला रहा था।
आंटी के वह सांवले रंग के निप्पल और नरम-नरम चूँचे , एक थैली की तरह लटक रहे हैं। उनके स्तन को देखकर मेरा जी मचलने लगा और मैं खिड़की में से ही उनको देखते-देखते अपने लंड को मसलने लगा।
अपना लंड मैंने इतना मसला, आंटी के स्तन देखते-देखते, कि मेरा झड़ गया। मैंने अपनी पैंट में ही झाड़ दिया और आगे गीला-गीला हो गया। फिर एक बात है संडे रात की जब अंकल घर आए हुए थे।
यह मौका में कैसे छोड़ सकता था क्योंकि मैंने पहले ही खिड़की में अपने लिए जुगाड़ बना दिया था। मैंने जल्दी-जल्दी खाना खा लिया क्योंकि आंटी के घर में खाना जल्दी खा लेते है। और बस मम्मी को बोल दिया कि मैं खाना हजम करने के लिए छत पर घूमने जा रहा हूं।
छत पर बड़ी देर तक घूमता रहा कि कब इनके घर की लाइट बंद हो और जीरो वाट का बल्ब चालू हो। रात के 11:00 बज गए तब जाकर वह खुशनुमा पल आया जो मैं देखना चाहता था। मैंने देखा उस खिड़की में से, की आंटी-अंकल के पैरों में तेल लगा रही हैं।
अंकल, आंटी से अपने पैरों में तेल लगाकर मालिश करवा रहे थे, और भोजपुरी पिक्चर भी देख रहे थे। आंटी बहुत ही सुंदर और सेक्सी नाइटी में थी। वह नाइटी इतनी सेक्सी थी, कि मेरी आंखें वहीं पर खुली की खुली रह गई और मेरा लंड पजामी से दिखने लग गया।
इसके बाद मैंने देखा आंटी अंकल को किस भी कर रही हैं। वह साला अंकल आंटी के नर्म नर्म होठों पर चुम्मा दे रहा था और गन्ने की तरह चूस रहा था। मुझे अंकल से बहुत ही जलन होती थी क्योंकि उस साले को इतनी सुंदर बीवी जो मिल गई थी।
अपनी बात पर दोबारा आते हैं। अंकल को चूमते-चूमते, आंटी ने अंकल के लंड पर अपना हाथ फैरना शुरू कर दिया। और वह उनके लंड की मुठ मारने लगी मैं बस यही सोच रहा था, अंकल को कितना मजा आ रहा होगा।
फिर उसके बाद अंकल ने आंटी को लिटा दिया और उनके ऊपर चढ़ गए। और उनके दोनों हाथों को पकड़कर जोर जोर से उनको चूमने लगे और साथ ही में उनकी नाइटी उतार दे।
आंटी पूरी नंगी थी और यह देख के मेरे लंड से बस पानी ही टपक रहा था। मेरे मुंह से भी पानी टपक रहा था कि आंटी की इतनी गोल मटोल बस्ती बॉडी को देखकर। फिर अंकल ने आंटी के बड़े-बड़े चूचियों को दबाना शुरु करा और उनको चूसने लगा।
अंकल वह सब कर रहे थे जो मैं आंटी के साथ कब से, में करना चाहता था और जिनको सोच-सोच कर बस मुठ मारता था। और फिर ने आंटी की टांगें दोनों टांगे उठाई। और अपना लंड घुसा दिया उनकी चूत में।
वो औरत एकदम से चीख पड़ी और अंकल ने उनका मुंह दाब दिया और उनको चुम्मा देने लगे। अंकल धीरे-धीरे अपने लंड को आंटी की चूत में आगे पीछे कर रहे थे। और आंटी के स्तन उसी तरह धीरे-धीरे हिल रहे थे, ऊपर नीचे, ऊपर नीचे।
यह दृश्य मानो ऐसा था जैसे मैं अपनी आंखों के सामने ही लाइव पोर्न वीडियो या Antarvasna Story की फिल्म देख रहा हूं। परंतु यह हकीकत थी और यह देखकर मुझे बहुत ही मजा आ रहा था। फिर अंकल एकदम से तेज हो गए और आंटी को जोर-जोर से चोदने लगे। उस औरत के चूँचे भी उसी प्रकार जोर-जोर से हिलने लगे,
और आंटी बोलने लगी – जान धीरे करो दर्द हो रहा है, धीरे करो, लेकिन अंकल साला राक्षस था, वह दबा-दबा कर चोद रहा था। मैं भी बहुत ही ज्यादा जोश से भर गया और दोबारा अपनी पैंट में लंड को मसलने लगा। अंकल घपाघाप आंटी की ले रहा था और यह देख कर मुझे जलन भी हो रही थी और बहुत मजा भी आ रहा था।
उसके 10 मिनट बाद ही अंकल का जब झड़ने वाला था तो उन्होंने लंड बाहर निकालकर आंटी के चुंचो के पास झाड़ दिया। मेरा भी बस झड़ने वाला था लेकिन मैंने कंट्रोल कर लिया।
और मैंने मन में सोचा यह अंकल तो बहुत ही चुटिया है।
इतनी सेक्सी, इतनी सुंदर, इतनी गोल-मटोल बीवी होने के बावजूद। इस आदमी का सिर्फ 10 मिनट में झड़ गया। उसका इतनी जल्दी शीघ्रपतन हो गया। शायद आंटी को पूरा मजा ही नहीं आया होगा और अंकल ढीले पड़ गए।
और बाहर चले गए बाथरूम में फिर मुंह करा कर सो गए। जय देखकर बस में मन ही मन बहुत ही हंस रहा था और सोच रहा था बेचारी आंटी। अंकल ने शुरुआत तो अच्छी करी थी और रेस भी जोर से दी थी। लेकिन पहले ही उनका पेट्रोल खत्म हो गया।
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