दूधिया माँ को खेत में चोदा

पंजाब का शेर सुखविंदर अपनी कहनी दूधिया माँ को खेत में चोदा के जरिये हमें ये बता रहा है की खेतो को सिर्फ पानी की ही नही माँ के दूध की भी जरुरत होती है। सुखविंदर अपनी माँ को खेतो में काम करता देख कामुक होने लगा।
उसने बताया की माँ को झुक कर खेत में काम करता देख वो उनकी मोटी गांड के वश में होने लगा। ऊपर से उनके दूधिया स्तनों के बीच की दरार देख सुखविंदर ने अपनी माँ के साथ अश्लील हरकत करनी शुरू कर दी।
सुखविंदर पंजाबी के बजाय सरल हिंदी का उपयोग कर रहे हैं ताकि हर कोई कहानी को बेहतर ढंग से समझ सके।
मैं पंजाब का रहने वाला 18 साल का लड़का हूँ। मेरा पूरा परिवार गेहूं की खेती करता है। मेरी माता खुद खेत में कड़ी मेहनत करती है और मेरे 3 साल की छोटी बहन को भी संभालती है। कोरोनावाइरस की वजह से देश इतना टूट गया है ऊपर से टिड्डी का हमला पाकिस्तान से हमारी पूरी फसल खराब कर दिया।
मेरे बापू की हिम्मत टूट चुकी थी। पहले ही उनकी तबीयत खराब रहती थी और अब ये सब। पर माता ने हिमत नही हारी वो अकेली ही खेत में काम करने फिर जुट गई।
उनको देख मैं खुद को नहीं रोक सका और मैं भी उनकी मदद करने लगा। माँ सारी खराब फसल काट कर हटाने लगी और खेत को नई फसल के लिए साफ करने लगी। मैं भी यही करने लगा पर जब मेरी नजर माँ की गांड पर गई तो मैं वही रुक गया।
माँ की पतली कमर और सुडौल गांड देख मेरे दिमाग में अपनी माँ के लिए अश्लील चित्र बन गया। मैं धीरे से गया और उनको बगल से देखने लगा। उनका पूरा शरीर माल था। पीछे से बाहर निकली मोटी गांड और निचे लटकते गोल स्तन देख मेरा लंड फूल की तरह खिलखिला उठा लगा।
माँ के टाइट सूट से आधे बाहर निकले गोरे स्तन और सलवार में छुपा माल मुझे दिमागी कामुक आनंद देने लगा। सामने से उनके स्तनों के बीच की दरार देख मैं वही बैठ गया और अपनी पैंट में हाथ डाल कर हस्तमैथुन करने लगा।
जब माँ की नजर पड़ी तो वो गुसे में देखते हुए बोली यहाँ काम करो आराम नही !! उस वक्त मैं चरम सीमा तक बस जा पहुंचा था तभी उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे खींच कर खड़ा कर दिया।
मैं हस्तमैथुन की वजह से हाफ रहा था तो माँ ने पूछा “अरे अरे क्या हुआ बैठे बैठे थक गए ??” फिर जब उन्होंने निचे देखा तो उनकी नजर मेरी लिंग पर गई जो पैंट से बाहर आने को तड़प रहा था।
उन्होंने अटपटे अंदाज में कहा फालतू काम मत करो और मेरी मदद करो। ये कह कर वो वह से जाने लगी। पर मैं अपनी चरम सिमा पर था और मुझ से रहा नही गया।
मैं अचानक ऊके पीछे चिपक गया और उनके सूट में हाथ डाल कर उनके दूध मसलने लगा। मैने अपना लिंग बाहर निकला और अपने कूल्हे हिला कर उनकी गांड पर रगड़ने लगा।
माँ मेरा ये रूप देख हैरान परेशान हो गई। पर उन्होंने मेरा ज्यादा देर विरोध नही किया। बापू की तबीयत खराब रहती थी और इसलिए उन्हें शारीरिक संतुष्टि नहीं मिल पाती थी।
मेरे लंड की तेज रगड़ से शायद उन्हें बापू के तेज धके याद आगये। माँ की चुपी का मेने फ़ायदा उठाया और खेत में ही उन्हें चोदने लगा।
मेने उनका सूट उठाया और उनकी सलवार खोल कर उनकी चुत की चुदाई करने लगा। मेरी माँ करीब 30 साल की थी जिसकी वजह से उनका शरीर पूरा माल दर था। शरीर में सुडौलता की कोई कमी नही थी।
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मेने उन्हें झुकाया और उसके स्तन पकड़ कर उन्हें धके मारने लगा। माँ की काली चुत मेरे लंड की रगड़ से चिकनी होने लगी। कुछ दस धको के बाद मेरी माँ कामवासना का आनंद लेने लगी।
उनका मजे से आवाज निकलना मेरे जोश को बढ़ाने लगा। मैंने उसकी चूचियां पकड़ी और उन्हें जमीन के और खींचने लगा। तभी मुझे मेरे हाथो पर कुछ गिला महसूस हुआ।
तब मुझे पता लगा की माँ के स्तनों में दूध भरा है। उनकी लम्बी चूचिया मैं जोर से खींचने लगा और उनका सरा दूध निकलने लगा।
माँ – अहह ये मत करो बेटा तुम्हारी बहन के लिए नहीं बचेगा।
मैं उनकी चुदाई करता हुआ कभी उन्हें स्तन प्यार से सहलाता तो कभी जोर से मसलता और चूचियों को खींचता।
उस वक्त मैं अपनी दूधिया माँ को खेत में चोदा और उनके दोनों स्तनों किसी गाये की तरह दूध निचोड़ता रहा।
माँ के स्तनों से दूध की बूंदे टपकती जा रही थी और उनकी आगे की जमीन सारी गीली हो गई।
मेने उनके स्तन छोड़े और उनकी कमर पकड़ कर उन्हें चोदने लगा। उनके बड़े लटकते स्तन मेरे धको से आगे पीछे झूलने लगे। माँ के चेहरे से टकरा कर वो वापस उसके पेट से टकराते।
माँ की गांड मेरे कूल्हों की मर झेल कर लाल हो गई। और उनका चेहरा और पेट उनके स्तनों की। उनके झूलते स्तनों से दूध टपकता रहा और चुत से पानी।
उनका शरीर चुदाई की मदहोशी में खोने लगा पर मैंने उनकी चुदाई नही रोकी।
माँ – अहह अहह अहह अहह और और और तेज अहह बस !!!!
मेने कहा – अहह माँ !! अहह केसा लग रहा है !! अहह !!
माँ – अहह अच्छा लग रहा है !! थोड़ा और तेजी से करो !!!
मेने कहा – अहह और और तेज नहीं हो पायेगा !!
उस दिन मेने अपनी कामुक माँ को maa ko khet mein choda और माँ को पूरी संतुष्टि दी। माँ और मैं एक साथ चरम सिमा पर पहुंचे।
अचनक माँ की चुत सफ़ेद मलाई निकालने लगी और उसका चिकना एहसास मुझे चरम सुख देने में जुट गया। ये थी मेरी माँ बेटे की सेक्स कहानी अगर अच्छी लगी तो कमेंट करना मर भूलना।

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