लॉकडाउन की वजह से शमशेर अपने ही घर में हस्तमैथुन करता करता पागल हो गया। अब जवान और अकेले रहने वाला लड़का करता भी तो क्या करता। सेक्स की वजह से शमशेर ने अपने पड़ोस की आंटी के साथ सेक्स कर लिया। लॉकडाउन में आंटी की चुदाई हमे ये बताती है की अगर सेक्स की जरूर सही वक्त पर पूरी न की जाये तो आसपास के लोगो पर बड़ी आफत आ सकती है।
मैं अपने परिवार से दूर रहता था जो दिल्ली में रहते थे। नॉएडा में मुझे अच्छा काम मिल गया जिस वजह से मैं वह अकेला रहने लगा। लॉकडाउन के बाद से मैं अपनी बंदी से नहीं मिल सका। मिलने को तो मैं मिल सकता था पर गर्लफ्रेंड की कोरोना से गांड फटी हुई थी।
मुझे अकेले रहते रहते करीब 3 महीने हो चुके थे और मैं बस दिन रात लंड हिलाता रहता था। मेरे अंदर काफी अकेला पन भर गया था।
तभी मेरी नजर अपने पड़ोस की आंटी पर गई। उसे मैंने गौर से देखा तो मुझे पता लगा की ये भी सही चुदाई का सौदा है। आंटी पंजाबी थी इसी वजह से उनके स्तन भी दूध से भरे थे।
आंटी अक्सर अपने छज्जे पर कपड़े सुखाने आती थी। जॉब वो अपने धोए हुए कपड़े सीधा करने के लिए उन्हें झाड़ती तो झटके से उनका कामुक शरीर हिल पड़ता।
ब्लाउज में उछलते स्तन थोड़ा सा ऊपर आ जाते और उनका पलु बार बार नीचे गिरता। बस उसी वक्त उनके नरम दूधो को देख कर मैं अपना लिंग खड़ा कर देता।
वो आंटी मुझे एक शरीफ लड़का समझती थी इस लिए वो कभी कभी मुझ से दो चार बाते कर लेती थी। एक दिन मैंने आंटी को झूठ बोल कर अपने घर बुला लिया।
मैंने कहा की आज रात मुझे खाना बनाना है और ये काम मैंने कभी किया नहीं क्यों की मैं हर रोज बाहर ही खता था। आंटी को मुझ पर दया आई और वो शाम को मेरे घर आ गई।
उसके बाद आंटी मुझे खाना बनाना सीखने लगी। आंटी का पति और उनके दोनों बच्चे अपने घर में ही थे। और मैं यहाँ लॉकडाउन में आंटी की चुदाई करने की फिराक में था।
हम दोनों रसोई में थे और आंटी ने कहा लाल मिर्च कहा है ?
मैं आंटी के स्तनों को छूता हुआ लाल मिर्च का ढाबा उठा कर बोला ये रही।
मैं तो उन्हें अनजान बन कर छू रहा था पर आंटी ने अपने स्तनों से भाप लिया की मैंने उन्हें किस इरादे से छुआ है।
उसके बाद आंटी मुझे तिरछी आँखों से देखने लगी। मैं डर गया की अब ये कोई तमाशा न मना दे मेरा। पर वो मुझे खाना बनाना सिखाती रही और मैं उनके शरीर को चुदाई के इरादे से देखता रहा।
तभी आंटी रसोई से निकली और मेरे घर का दरवाजा अंदर से बंद कर दिया। उसके बाद वो मेरे सामने आई और अपनी साडी का पलु गिरा कर बोली ये लो दूध पीलो।
मैंने कहा – आंटी ये आप??
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आंटी – हाँ हाँ तुम्हे भूक लगी होगी और खाना बने में काफी टाइम लगने वाला है तो तुम दूध पीलो।
मैं धीरे धीरे आंटी के पास गया और उनकी छाती पर हाथ रख दिया और कहा पर क्यों ??
आंटी – मेरे बच्चे बड़े हो गए है और पति को बस शराब का नशा है इसलिए दूध अंदर जाम हो गया है। मैं चाहती हु की किसी को मेरा भी नशा हो !!
मैं ख़ुशी से आंटी के पीछे गया और उनके गले पर चुम्बा चाटी करता हुआ उनके स्तन अलग अलग तरह से दबाने लगा।
आंटी भी फुल मजे लेने लगी और लॉकडाउन में चुदाई करवाने के लिए तैयार हो गई। पीछे से एक हाथ मैंने उनके ब्लाउज में डाला और उनके दोनों स्तन बारी बारी दबाने लगा और पीछे से उनकी गांड के बीच अपना हाथ रगड़ने लगा।
मेरा लॉकडाउन में आंटी की चुदाई का सपना अब पूरा होने जा रहा था।
आंटी की पूरी साड़ी खराब हो गई और गले का मंगलसूत्र टूट गया पर उन्हें तो मेरे हाथ अपने शरीर की गन्दी जगहों पर काफी आनंद दे रही था।
मेरे लंड की वजह से मेरा पजामा ऊपर उठ गया और आंटी की नजर पद गई उसके बाद वो उसपे हाथ रख कर मेरे लंड की गर्मी महसूस करने लगी।
मुझे आंटी की गांड चोदनी थी इसलिए मैंने आंटी को स्टूल पर हाथ रख कर झुकने को कहा और उनकी साड़ी पेटीकोट के साथ ऊपर उठा कर उनकी कच्छी उतरने लगा।
कच्छी उतारते ही मुझे उनकी काली और देसी चुत दिखी जो नम थी। मैंने अपने हाथ को चाटा और उनकी फुदी रगड़ने लगा। आंटी की चुत काफी चिकनी थी जिस वजह से मेरे हाथ पर उनका मीठा लसलसा रस लग गया।
मैंने जल्दी से अपना सूखा लंड पजामे से निकाला और झटके से आंटी की चुत में दे मारा। सूखे लंड से आंटी की चुत लाल हो गई और वो दर्द से चिलाने लगी। अब मेरा लंड पूरा सूखा था और आंटी की चुत सिर्फ नम थी इस वजह से लंड आंटी की चुत में चिपक गया।
आंटी – अबे साले !!
मैंने कहा – बस बस हो जाये गए ठीक।
मैं धीरे धीरे अपना लंड आंटी की चुत में अंदर बाहर करने लगा और उनकी दोनों चूची दोनों हाथ से दबा कर उनका दूध निकालता रहा।
कुछ देर बाद मैंने चुदाई तेज कर दी और आंटी की चुत पानी छोड़ने लगी। कामुक और सेक्सी आंटी का दूध मेरे फर्श पर गिरता रहा और मैं ऊके शरीर से चिपका रहा।
आंटी – अहह ह हह अहह !! बेटा मेरे दूध इस तरह न खींच दर्द हो रहा है छाती में।
मैंने आंटी की बात पानी और उनको ऊपर उठा और अपने बैडरूम में लेटा दिया। लेता कर मैं उनके दूध चूस चूस अपने मुँह में उनका दूध जमा करता हुआ चुदाई करता रहा।
आंटी का दूध हल्का सा मीठा था और छूट चुत काफी रसीली। मैं बिस्तर पर उनकी मोटी जंघे खोल कर चुत में अपना लंड देता रहा और मजे से उनके दूध दबा कर चुस्त रहा।
मुझे बड़ी गांड वाली आंटी की चुदाई करने में काफी कामुक आनंद आ रहा था। ऐसा लग रहा था जैसे मैंने अपनी जिंदगी का लक्ष्य प्राप्त कर लिया हो।
आंटी – अब मत चुसो बेटा दूध खत्म हो गया है मुझे दर्द हो रहा है। और दूध बने में टाइम लगता है।
मैंने आंटी की एक न सुनी और उनकी चुत की चुदाई और चुचो की चुसाई जारी रखी।
आनंद इतना ज्यादा था की मैं अपने लंड को और तेजी से रगड़ने लगा और आंटी ने अपनी चुत का माल निकाल दिया। चिकनी चुत की चुदाई ने मैं भी अपना माल निकाल बैठा और आंटी मेरे होठो पर चूमने लगी।
चुम्बा चाटी के दौरान मेने जीतन भी दूध अपने मुँह में भर रखा था उसे मैंने आंटी के मुँह में डाल दिया और हम दोनों पुरे गंदे हो गए।
हमारा मुँह कही एक दूसरे के थूक से गिला था तो हमारी छाती और पेट दूध से। और नीची का शरीर तो एक दूसरे के निकले रस से चिपचिपा हो चूका था।
बस उस चुदाई के बाद से आंटी मेरा चुदाई का जुगाड़ बन गई और जब तक लॉकडाउन रहेगा मैं उनका दूध और चुत का पानी इसी तरह निकालता रहुगा। तो दोस्तों ये थी मेरी नई हिंदी सेक्स स्टोरी अगर आपके लंड और चुत ने हल्का सा भी पानी छोड़ा तो कमेंट में जरूर बताना। अब मैं लॉकडाउन में आंटी की चुदाई हर रोज करता हूँ जब उसका पति घर पर दारू पिया होता है।