बहन की छूट चुदाई करने के बाद भी मेरी चुदाई की भूक गई नहीं। अब उस वक्त तो बहन का पूरा मूड बना हुआ था इस लिए उस रात उसने मुझे रोका नहीं पर अब वो सब फिर नहीं हो सकता।
ये मेरी कहानी का दूसरा भाग है पहला भाग पड़ने के लिए यहाँ क्लिक करे कोरोना काल में माँ बहन की चुदाई भाग-1
अब अगले कुछ दिन तक मेरा पापु शांत रहा पर उसी दिन मैंने माँ को कपडे धोते देख लिए। वो नीचे बैठ कर कपडे थापी से पीट रही थी। पानी से उनका नरम बदन गीला था और उनका हिलता माल देख मेरा लंड भी गीला होने लगा।
अब हवस से हरा मैं करता भी क्या मैं वही पास में बैठा और उन्हों कामुक तरीके से देखता रहा। अब कुछ देर बाद मम्मी की नजर मेरे लिंग पर गई और उन्होंने हसना शुरू कर दिया।
मैंने कहा – क्या हुआ ??
माँ – कुछ नहीं बेटा। अब लग रहा है मेरा बच्चा शेर बन गया है !
मैंने कहा – क्या मतलब ?
माँ ने कुछ नहीं कहा और वो चुपचाप अपना काम करती रही। थोड़ी देर बाद मुझे अक्ल आई की वो क्या बोल रही थी और क्यों। मुझे अपने आप पर शर्म आने लगी और मैं जल्दी से वहा से चला गया।
पर उस रत जब वो मेरे कमरे में घुसी तो सब बदल गया। उसी दिन माँ बेटे की चुदाई कहानी में नया मोड़ आया।
उस रत जब घर में सब सो रहे थे तो मैं भी सोने की कोशिश कर रहा था तभी मैंने एक दोस्त ने मुझे किसी लड़की की गन्दी वीडियो भेजी जिसे देख मेरा गया। हार कर मैंने गन्दी वीडियो देखन शरूर कर दिया।
मैंने अपने ऊपर से चादर हटाई और हाथो में नारियाल का तेल लगा कर लंड हिलाने लगा। मैंने अपने पैर खोले और बिस्तर पर लेट गया।
लेट कर मैं अपने दोनों हाथों से लंड हिलाने लगा तभी अचानक से दरवाजा खुला। अँधेरा इतना था की मुझे कुछ पता नहीं लगा। अंदर जो भी आया उसे मेरी तेज सासे और लैंड जोर से हिलाने की फच फच !! आवाज सुन ली।
मैं बोलै – कौन है ??
तभी किसी ने मेरी चादर में हाथ डाला और मेरा लंड पकड़ लिया। अब मैं खुश हो गया ये सोच कर की कल की चुदाई के बाद मेरी बहन मेरी लंड की प्यासी हो गई है और वो फिर चुदने आई है।
वो हाथ मेरा लंड मसलने लगा और मुझे आनंद आने लगा।
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मैंने कहा – आ गई तू !!
माँ – कौन ?
माँ की आवाज सुन कर मैं चौक गया और मेरा लंड बैठ गया।
मैंने कहा – माँ ?? क्या कर रही हो !!
मम्मी – चुप कर और मुझे देखने दे यहाँ इतनी सूजन क्यों है !!
माँ ने मेरे पैर पकड़े और उन्हें जोर लगा कर खोल दिया। जैसे ही मेरे पैर खुले उन्होंने मेरा लंड पकड़ा और उसे हिला हिला कर फिरसे खड़ा कर दिया।
जैसे ही मेरा लंड खड़ा हुआ मेरी कहानी कोरोना काल में माँ बहन की चुदाई भाग-2 का मजेदार भाग शुरू हो गया। मैंने माँ से सवाल पूछना बंद कर दिया और जो वो कर रही थी उन्हें वो सब करने दिया।
माँ ने पूछा तेल की बोतल कहा है ? मैंने जवाब दिया वो रही।
तभी माँ ने गंभीर स्वर में कहा तेरे यहाँ सूजन हो गई है मुझे यहाँ मालिश करनी पड़ेगी और गंदा पानी निकालना पड़ेगा वर्ण यहाँ गाठ बन जाएगी।
ये सुन में हस पड़ा और माँ ने मेरा लंड जोर से दबा दिया। लंड दबते ही मेरी हसी रुक गई और लंड के गुम्बद से चिकने पानी बून्द निकल आई।
कमरे में काफी अँधेरा था तो न मुझे माँ का चेहरा दिख रहा था और ना ही मुझे शर्म आ रही थी।
तभी माँ ने तेल लगा कर मेरी मुठ मारनी शुरू करदी और मेरे गोटो में जमा पानी उछलने लगा। कुछ देर बाद माँ ने मैंने गोतो पर भी तेल गिराया और उन्हें भी दबाना मसलना शुरू कर दिया।
जैसे ही उन्होंने मेरे अंडे हाथो में लिए मुझे डर लगने लगा क्यों की आज तक मैंने अपने हाथो से ऐसा कुछ नहीं किया।
उन्होंने मेरे अंडे बड़े प्यार से पकड़े और उन्हें हाथो से अलग अलग तरह से मालिश करना शुरू कर दिया। मेरे गोते किसी अपनी के गुब्बारे जैसे फुले थे क्यों की उनमे कई महीनो का गन्दा पानी जमा था।
प्यार से गोटो की मालिश के साथ साथ माँ मेरा लंड जोर जोर से हिला भी रही थी। इतना कामुक आनंद न तो मुझे किसी रंडी के साथ आया था और न ही कल अपनी बहन की चुदाई करते हुए।
इतनी अच्छी मालिश की वजह से मेरा अपनी निकलने ही वाला था की माँ को पता लग गया। मेरा फुला और लाल लंड देख वो समज गई की मेरा झड़ने वाला है।
वो तभी रुक गई और मैं अपना माल निकालने के लिए तड़पने लगा। कुछ देर बाद मेरा माल नीचे चला गया।
लंड शांत होने के बाद उन्होंने अपनी साड़ी उठाई और मेरे लंड पर बैठ गई। उनकी मोटी गांड देख मेरे अंदर आग जल उठी और मैने माँ की चुदाई शुरू कर दी।
मैं अपनी कमर हिला हिला कर ये सोचने लगा की काश सेक्सी कामुक मां बेटे की चुदाई बाथरूम में हो पाती तो कितना अच्छा होता।
माँ ने अपनी साड़ी पकड़ी और अपनी कमर पर बंद ली। मैं अपने बिस्तर पर लेटा था और वो अपनी गांड उठा और मेरे लंड के ऊपर कर के बैठी थी। मैंने हल्के हाथ से पहले तो उनकी गांड सहलाई और फिर अपनी कमर हिलाने लगा।
उनकी मोटी गांड पर मैं अपने गोटो से झापड़ मारने लगा। अब इतने अँधेरे में मुझे कुछ दिख तो रहा नहीं था पर उनके कामुक शरीर के मजा लेने के लिए मैं ऊपर उठा और उन्हें अपनी गोद में बैठा कर चोदने लगा।
मैंने पीछे से अपने दोनों हाथ आगे किया और उनके ब्लाउज में हाथ डाल लिया। उनके ब्लाउज में उनके बड़े बड़े दूध मेरे हाथो में उछाल रहे थे। मैंने उनकी नरम छाती को सहारा दिया ताकि चुदाई के थपेड़ो से उनके स्तनों में दर्द न हो।
मैंने अपनी गर्म गीली चुत चोदते चोदते उनके दूध और चुचिया दबाने लगा। उनकी छाती का नरम और भारी माल और चुत का गीला पानी मुझे एक अलग दुनिया में लगाया।
मैंने अपनी आंखे बंद की और उनकी पीठ पर चूमे लगा और माँ मुँह से हल्की हल्की आवाजे निकालने लगी। उनके मुँह से एक भी चुख नहीं निकली थी जो इस बात का साबुत देती है की वो अपनी जमाने की रंडी रही होगी।
मैं बस उनके शरीर को दबाता चूसता और चोदता रहा। कुछ 20 मिनट के बाद मैंने अपनी कमर तेजी से हिलाना शुरू कर दिया क्यों की मैं झड़ने वाला था।
जब माँ को ये पता लगा तो वो लंड चुत से बाहर निकाल कर मेरे सामने कड़ी हो गई।
मैंने कहा – क्या कर रही हो अभी तो निकलने वाला था।
माँ – चुप रह बस और नहीं होगा अब।
इसके बाद वो कमरे से चली गई और मैं यही सोचता रहा की ये सब क्यों और कैसे हुआ। बस अंत में मुझे वो सब याद कर के अपना लंड हिलाना पड़ा और अपना पानी चुत की जगह हवा में छोड़ना पड़ा।
तो दोस्तों ये थी मेरी कहानी कोरोना काल में माँ बहन की चुदाई भाग-2 अगर अछि लगी तो मुझे इस मेल करे।
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