मेरा नाम मोनू यादव है और मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ। अन्तर्वासना स्टोरी ने मुझे ये कहानी आपके साथ शेयर करने का मौका दिया है जिसका मैं आभारी हूँ। अब मैं आपको बताने जा रहा हूँ। कैसे मेने स्कूल टीचर के पति की नाकामी का फायदा उठाया और अपनी मास्टरनी को बेटे का सुख दिया भाग-1। मैं बारवी क्लास में था ये तब की बात है। उस दिन मुझे सर ने टेस्ट में जीरो लाने की वजह से क्लास से बहार निकाल दिया था।
बहार खड़े खड़े मेने अपने दोस्तों के साथ मस्ती करना शुरू कर दिया। मेने साथ वाली क्लास से खाली पेज मांगे और अपनी क्लास की सेक्सी लड़कियों को गोला बना कर मारने लगे। हम लड़कियों के स्तनों को निशाना बना रहे थे। और वो भी हमारी हरकतों का मज़ा ले रही थी क्यों की सारि रंडी जो थी।
तभी मास्टर जी ने मुझे देख लिया और इस हरकत के लिए मुझे स्टाफ रूम ले गए और सबके शामे डाटा। लड़की छेड़ना कोई मामूली बात नही थी इसलिए मुझे पूरा दिन स्टाफ रूम के बहार खड़ा कर दिया।
जब सारे टीचर अपने अपने क्लास लेने के लिए चले गए तो मेने देखा की मेरी गणित की मास्टरनी रोते हुए फ़ोन पर बात कर रही थी।
वो बोली – ये सब तुम मुझे अब क्यों बता रहे हो ? अब तो मेरी जिंदगी बरबाद हो गई। मेने कितने सपने देखे थे शादी के बाद। वो पति ही क्या जो एक बच्चे का सुख ना दे सके।
मेरी गणित की मास्टरनी का नाम ललिता है। और वो एक अच्छे घराने से थी। उनकी करीब 3 महीने पहले शादी हो गई थी।
उनकी ये बात सुन कर मेरे होश उड़ गए। बातो से ही मुझे पता लग गया की उनका पति बच्चो का सुख तो दूर मैडम को यौन संतुष्टि भी नही दे सकता। शादी के बाद ही वो तलाक भी नही ले सकती थी क्यों की लोग मास्टरनी जी में ही कमी निकाल देते।
ललिता मैडम फ़ोन के बाद फुट फुट कर रोने लगी और तेज़ सासे लेने लगी। रोते रोते उनके स्तन हिलने लगे और मैं खिड़की से उनके ब्लाउज की तरफ देखता रहा। मैडम पसीने पसीने हो गई और उनके सरे आंसू उनके ब्लाउज के अंदर जाने लगे।
फिर मैडम के स्तन भी गीले हो गए। मैडम खूबसूरत तो पहले से थी पर रोते रोते तो और भी माल दिख रही थी। मैं वहा खड़े खड़े ही अपना लण्ड स्कूल की पैंट के ऊपर से मसलने लगा। उनके खूबसूरत स्तन और गोरा बदन देख मुझसे रहा ना गया और मैं वही खड़ा पैंट में हाथ डाल कर मुठ मारने लगा।
तभी ललिता मैडम ने मुझे उन्हें घूरते हुए देख लिया और घुसे से आगबबूला हो गई।
ललिता मैडम – तुम ?? मोनू वह क्या कर रहे हो और मुझे इस तरह क्यों देखे जा रहे थे?
मैंने कहा – वो मैडम आप रो रहे थे तो …..
मैडम को लगा मेने सब सुन लिया और मैं ये बात सब को बता दुगा इसलिए उन्होंने प्यार से बात करने की सोची।
ललिता मैडम – अरे बेटा मोनू वह क्यों खड़े हो ?
मैंने कहा – मुझे मास्टर जी ने सजा दी है।
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ललिता मैडम – क्यों ? तुम अंदर आना जरा !!
मेरा लण्ड अभी भी खड़ा था और पूरा फुला हुआ था। मुझे समझ नही आ रहा था की क्या करू। मैडम मेरा लण्ड देख लेगी तो समझ जाएगी की मैं उन्हें रोते हुए देख अपना लण्ड हिला रहा था।
मैंने कहा – नही मुझे मास्टर जी ने सजा दी है।
तभी उनका दबा हुआ गुसा फिर उठा और वो चीला कर बोली “तुम नही आये तो मैं वह आ जाऊ गई !! “
मेरे पास कोई चारा नहीं था। मेने अपनी आँखे बंद की और कमरे में घुस गया। और जब मेने धीरे से आँखे खोली तो देखा ललिता मैडम मेरे लण्ड को घूरे जा रही थी।
लण्ड देखते देखते उन्होंने अपना चश्मा उतारा और मेरी और देख कर कहा “ये क्या है?” मेने कहा मुझे नही पता।
ललिता मैडम(चीला कर बोली) – क्या है ये मोनू तुम क्या कर रहे थे बहार मुझे देखते हुए।
मैंने कहा – मैं कुछ भी नही कर रहा था। ये जो भी हुआ आपको देखते देखते हुआ।
इस बात पर ललिता मैडम हंस पड़ी और कहा “अच्छा??”
मेरा जवान और मरदाना शरीर और भरा फुला लण्ड देख मैडम की अंदर नई अन्तर्वासना जग गई और उन्होंने कुछ देर मुझे कामुक नज़रो से देखा और कहा “आज इस हरकत की सजा तुमको मिलकर रहेगी। आज 3 से 8 बजे तक मैं तुम्हें अपने घर पर पढ़ाऊंगी। अगर तुम नही आये तो मैं तुम्हारे घर फोन कर दूगी।”
मेने हाँ कहा और वह से चला गया। ये मेरी पहली चुदाई की कहानी का पहला भाग है। दूसरा भाग पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करे (मास्टरनी को बेटे का सुख दिया भाग-2) और कमेंट में बताये की आपको क्या लगता है आगे क्या होगा?