मेरे दोस्त की बीवी बहुत ही सुंदर और मोटी थी जिसकी वजह से वह और भी ज्यादा सेक्सी लगती थी। भाभी का बल खाता हुआ बदन लचक मारती हुई कमर इतनी ज्यादा उत्तेजित करती थी कि उनकी जबरदस्त चुदाई करने का मन करता था।
मैं हर शनिवार की रात को अपने दोस्त के साथ उसके घर पर पार्टी करता था। उसके घर पर पार्टी भी हो जाती थी और भाभी को देख कर अपनी आंखें भी सेक लेता था।
और कहीं ना कहीं मुझे यह भी पता था भाभी शारीरिक संतुष्ट नहीं है क्योंकि मेरा दोस्त राजवीर नाइट शिफ्ट में भी काम करता है।
हम दोनों एक ही कंपनी में काम करते थे। परंतु मेरे दोस्त की नौकरी में पोजीशन मुझसे ज्यादा थी तो उसे काम भी ज्यादा रहता था।
मेरी सुनेना भाभी से अच्छी खासी बातचीत हो गई थी और हमारे बीच में काफी गहरी दोस्ती भी हो गई थी। शनिवार की रात को राजवीर (मेरा दोस्त) सो जाता था, लेकिन हम दोनों की बातें रात भर चलती रहती थी।
तो कहीं ना कहीं मुझे ऐसा भी लगता था कि सुनैना भाभी मुझे लाइक करने लग गए हैं।
इसी बात का पता करने के लिए जब मैं उनके घर उस रात रुका हुआ था। और मन में यही सोच रहा था की कास आज अपनी देसी भाभी की चुदाई करने को मिल जाये।
तब राजवीर नाइट शिफ्ट में काम कर रहा था और हमेशा की तरह हम दोनों की बातें चल रही थी।
हम दोनों साथ में मिलकर लूडो खेल रहे थे मोबाइल में और एक दूसरे से दिल की बातें कर रहे थे।
तभी लूडो खेलते खेलते मेरा हाथ सुनैना भाभी के हाथ पर पड़ गया और हम दोनों की आंखें लड़ गई।
हम दोनों एक दूसरों की आंखों से नजरें नहीं हटा पा रहे थे और धीरे-धीरे मैंने अपना हाथ सुनैना भाभी के कंधों तक बढ़ा दिया।
भाभी फिर भी कुछ नहीं बोली तो मैं समझ गया, हां.. वह मुझे सच में लाइक करती हैं और इसी बात का फायदा आज मैं उठा लूंगा और अपनी देसी मोटी भाभी की चुदाई करूंगा।
मैं धीरे-धीरे सुनैना भाभी के पास जाने लगा वैसे वैसे भाभी की सांसें और तेज़ और गर्म हो गई। मैं उनके होठों तक पहुंच गया और फिर उन्हें किस कर लिया।
भाभी ने भी मुझे ना नहीं कहीं और उन्होंने भी बदले में मुझे चूमना चालू कर दिया। हम दोनों को पता था कि हमें क्या चाहिए और हमारी अंतर्वासना यही मांग रही थी।
फिर क्या मैं बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गया और मैंने अपनी मोटी भाभी को सोफे पर लिटा दिया और उनके ब्लाउज के बटन खोल दिया।
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मैं उनके दूध काटने लगा और उनके बड़े बड़े स्तनों को अपने हाथों से दबाने लगा।
भाभी – आ! आ! आ! आ! आ!
अपने दोनों हाथों से सुनैना भाभी जी बड़े गोल नरम स्तनों को अपने हाथों से जोर जोर से दबा रहा था और उन्हें चुमे जा रहा था।
भाभी ने भी बदले में मुझे अपने बदन से चिपका रखा था और वह भी मुझे चूम रही थी।
वह मुझे मेरी गर्दन पर चूम रही थी, मेरी छाती को चूम रही थी, मेरे पेट को चूम रहे थे, और धीरे-धीरे करते-करते वह मेरे लंड तक पहुंच गई।
उन्होंने मेरा लंड भी चूसना चालू कर दिया जिसमें मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था।
मैं सोफे पर बैठा इस कामुकता का आनंद ले रहा था और मेरी सुंदर देसी मोटे भाभी मेरा लंड चूस रही थी।
मैं – आ आ भाभी आप कितना बढ़िया मुखमैथुन देती है।
और भाभी अपनी प्यारी नजरों से मेरे ही चेहरे को देखती रही और मेरे लंड को चुस्ती रही फिर मेरे टट्टू को भी चाटने लग गई।
के बाद मैंने भाभी को उठाया और सोफे पर लिटा के उनके दोनों टांगों को सिर तक खींच लिया।
और बस हमारी ढाका पेड़ चालू हो गई 25 की स्पीड से चुदाई करने लगा।
जितनी बार में भाभी को चोद रहा था उतनी बार उनके बड़े-बड़े स्तन को ऊपर नीचे हो रहे थे उनका बल खाता हुआ पेट भी हिल रहा था।
मेरी सेक्सी देसी मोटी भाभी का पूरा बदन मेरी चुदाई से लहर गया था। और यह सब देखकर मैं और भी ज्यादा उत्तेजित हो रहा था तो मैं उनकी और जबरदस्त धकापेल वाली चुदाई करने लगा।
भाभी – आ.. आ.. आह.. आह… उह..! राजीव!!!
अपनी भाभी को आज पूरा कामुक आनंद देदो।
यह सुनते ही मैंने भाभी की दोनों टांगों को अपने कंधे पर रखा और बंदूक की स्पीड से उनको चोदने लगा। ऐसा सब मैने Hindi Sex Stories में ही पढ़ा था।
मैं अपनी देसी मोटी भाभी की चुदाई जबरदस्त तरीके से घचाघच करे जा रहा था। मैं धकाधक बस उनको चोदने में ही लगा हुआ था और मैं उनके स्तनों को सहारा बना कर उनकी चूत की जबरदस्त चुदाई कर रहा था।
भाभी – आ! आ! आ! आ! आह!! आह!! आह!!!
मज़ा आ रहा है… ऐसे ही चोदो… अपनी मोटी भाभी को… हाँ… हाँ… चोदो मुझे!!!
यह सुनने की तो मुझे उम्मीद ना थी लेकिन इस चीज में मुझे और भी ज्यादा उत्तेजित कर दिया और बस कुछ ही देर में मेरा झड़ने वाला था।
मैं – आह! भाभी… मेरा झड़ने वाला है…. मैं छूट रहा हूं भाभी!!!
भाभी – हाँ! हाँ!! अपना सारा माल अपनी देसी मोटी भाभी के मुंह में डाल दो.. राजीव!!!!
और जैसे ही मेरा झड़ने वाला था मैंने अपना लौड़ा बाहर निकाला और भाभी के मुंह में घुसा दिया।
भाभी की चूत से निकला सीधा लंड भाभी के मुंह में घुसा और मेरा सारा माल भाभी ने पी लिया। वो किसी आइसक्रीम की तरह मेरे लंड को चूसने जा रही थी और मेरे लंड का सारा माल पी रही थी।
तभी मैंने अपनी तीनों उंगलियां भाभी की चूत में डाल कर रगड़ दी।
सुनीता भाभी – आ! आ! आह! ओह! आ!! आ!!!…..
मैं बहुत ही तेजी से अपनी उंगलियों को भाभी की चूत में अंदर बाहर कर रहा था और भाभी भी मेरे लंड को बहुत ही तेजी से अपने मुंह में अंदर बाहर कर रही थी।
फिर मेरा दोबारा झड़ने वाला था क्योंकि भाभी के इस मुखमैथुन ने और भाभी की उंगली चुदाई ने मुझे दोबारा उत्तेजित कर दिया था।
मैंने एक बार फिर भाभी के मुंह में अपना सारा माल झाड़ दिया और भाभी का भी चरम सुख हो गया।
इतनी वासना क्रिया कर्म करने के बाद मैं सोफे पर गिर गया और भाभी मेरे ऊपर लेट गई।
सुनीता भाभी – कमाल है राजीव! तुम्हारे अंदर यह खुबिया भी है मुझे तो पता ही नहीं था।
मैंने बोला – भाभी और भी बहुत सारी खूबियां है अगले शनिवार को वह भी देख लेना।
और हम दोनों यूं ही हंसते रहे और एक दूसरे के गले से लगकर अपना प्यार जताते रहे।