दिल्ली नोएडा से आई ये कहानी 25 साल की जवान लड़की रितिका की है। रितिका को अपने Gym जाने वाले छोटे भाई की बॉडी काफी पसंद थी। भाई की चौड़ी छाती और डोले देख रितिका के मन में अपने भाई के प्रति भावनाएँ बदलने लगी। जब उसने अपने भाई को अपनी भावनाएँ जताई तो हुई भाई बहन की जबरदस्त चुदाई। उसके बाद रितिका और उसके भाई ने कई सालों तक यौन संबंध बनाए रखें।
मेने अभी नई नई नौकरी करनी शुरू की थी। सब कुछ अच्छा चल रहा था। मेरी एक बड़ी बहन और एक छोटा भाई है। माँ बाप के साथ हम दिल्ली में रहते थे।
मेरी नजर अपने भाई पर तब पड़ी जब वो gym जाने लगा था। मैं खुद भी gym जाती थी पर सिर्फ मर्दाना लड़को को घूरने। जब पापा को भाई से पता लगा की मैं वह कुछ नही करती तो उन्होंने gym छुड़वा दिया।
पर मुझे बाहर देखने की क्या जरूरत जब माल मेरे घर में है। मेरे भाई को gym और बॉडी बनाने का जोश था। कुछ 5 महीनों में उसकी छाती चौड़ी हो गई और कमर पतली। कभी कभी जब वो नहा कर आता तो मुझे उसके पेट के बिस्कुट देखने का मौका मिल जाता।
मेरे आज तक 6 बॉय फ्रेंड बन चुके थे पर सब मेरे भाई के आगे कुछ नही थे। जब भाई ने ढाबे खाना शुरू किया तो मैं भी खुद पर काबू नही रख पाई। उसकी बॉडी और मर्दाना होती चली गई और मैं अपनी चुत से उसके लंड को चोदने के सपने देखने लगी।
अपने भाई के बारे मैं गंदा सोच कर मैं रोज नहाते हुए अपनी चुत सहलाती और पानी निकालती। ये मेरा रोज का काम हो गया था।
जब भाई gym से आया तो वो काफी थका हुआ था। सुबह सुबह मेरी बड़ी बहन ऑफिस जा चुकी थी और मैं बस निकलने वाली थी। पापा और मम्मी छत पर योग कर रहे थे।
भाई के नहाने के बाद मेने उसे कहा – क्या हुआ आज ज्यादा थक गए ?
भाई – हाँ दीदी आज पेट की कसरत भी करनी थी !
मैं उसके पीछे गई और उसके कंधे दबाने लगी।
भाई – अरे अरे ??? आज इतनी सेवा क्यों ?
मेने कहा – तुझे इतनी मेहनत करता देख सोचा मैं थोड़ी हेल्प कर दू।
मैं भाई के कंधे दबाते दबाते उसे गन्दी तरह छूने लगी। मैं अपने दोनों हाथ उसकी मर्दाना छाती पर सेहलने लगी। भाई को थोड़ा अटपटा लगा और उसने मेरा हाथ रोक लिया।
मेने कहा – क्या हुआ यहाँ दर्द नही होता ?
भाई – आ हाँ होता तो है पर ?
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मेने उसका हाथ हटाया और उसकी पूरी छाती पेट और कंधे छूने लगी। भाई के फौलाद शरीर को छूने से मेरी चुत तड़पने लगी। उस तड़प से मैं गीली होने लगी।
चुदाई के बुखार की वजह से मैं अपना हाथ उसके पजामे में डाल बैठी और उसका लूला पकड़ लिया।
भाई – दीदी !! क्या कर रही हो ??
भाई सब समझ गया था की मैं उसके बारे में केसा सोचती हु और मैं उसके कंधे क्यों दबा रही थी। अब मैं क्या करती ? उसको सब पता लग गया था तो झूठ बोलने का कोई फयदा नही था।
तभी मैं भाई की गर्दन और चूमने लगी और उसे लिंग निकल कर ऊपर निचे हिलाने लगी।
भाई – अहह !! दीदी !! क्या हो गया है आपको !!
मेने कहा – जवान हो गई हूं बस।
मर्द तो मर्द होता है और वो किसी औरत को खुद को छूने से नही रोकता चाहे वो बहन ही क्यों न हो। मेने अपने स्तन बाहर निकाले और उसकी पीठ पर चिपका दिया।
मेरे रगड़ खाते नरम स्तन, गीले होठ और गर्म हाथो की कला से मेरे भाई का लंड माल से फुला दिया।
भाई की मोटी नसे उसके लंड से दिखने लगी और मेरी गुलाबी चुत उसे अंदर लेने को मरने लगी।
मेने कहा – तुम्हारी कोई बन्दी है।
भाई – हाँ।
मेने कहा – जो उसके साथ करना चाहते हो वो मेरे साथ करो !!
ये सुनते ही भाई मेरे ऊपर चढ़ गया और मेरे पूरे बदन को चुदाई के लिए तैयार करने लगा। वो मेरे गले पर चूमने लगा और मेरी चूचियां मसलने लगा।
उसने मेरे मुँह में अपनी उंगलियां डाली और मैं उसके लिंग की तरह चाटने और चूसने लगी। फिर उसके मेरी जेन्स खोली और अपना हाथ सीधा मेरी कच्छी में घुसा दिया।
मेरे थूक से गीली उसकी उंगलियां मेरी चुत के अंदर थी। भाई मुझे गर्दन पर चूमता हुआ मेरी चुत में तेजी से उनलगी मारने लगा। फिर उसके अपना पूरा लंड बाहर निकला और मेरे मुँह में देने लगा।
मैं पूरा लंड अपने मुँह में लेती और बाहर निकल देती। उसका लंड चूसते हुए मैं उसके अंडे भी चुस्ती रही। भाई का फौलाद शरीर मुझे पसंद था।
लंड गीला होते ही भाई मुझे अपने कमरे में ले गया और अपने बैग से कंडोम निकाल कर अपने लिंग पर लगाने लगा।
मैं बिस्तर पर लेटी और अपने पैर खोल लिए। मेने अपने हाथ पर थूका और अपनी चुत पर लगाने लगी। फिर मेरे भाई ने अपना लिंग जोर से अंदर डाला और मेरी चुत का रस निकालने में जुट गया।
भाई मुझे तेज धके मारते हुए मेरी आँखों में देखने लगा। पर मैं चाहती भाई बहन की जबरदस्त चुदाई। मैं ऊपर उठी और मेने उसके मुँह पर जोर से थूका।
भाई(घुसे में) – क्या पगला गई हो क्या दीदी !!
मेने कहा – इतना बड़ा शरीर बनाया है इसका कब इस्तेमाल करोगे ??
भाई ने मेरे पैर उठाये और मेरे ऊपर चढ़ कर किसी हवसी कुत्ते की तरह अपने कूल्हे हिलना शुरू कर दिया। भाई की जोर दाल मार से मेरी दोनों जांघ और गांड लाल होने लगी।
उसकी दोनों तंदरुस्त जांघ मेरी मोटी और नरम गांड पर जोर से थपेड़े मार रही थी। भाई मुझे उछाल उछाल कर चोदे जा रहा था।
योनी के अंदर की तेज रगड़ और गांड की पिटाई मुझ से सहन नही हो पाई। मेने भाई को रुकने को कहा पर उन्हें इतना मजा आने लगा की वो बस मेरी गांड पेलते गए।
कामवासना मेरे तन मन और स्तनों को आनंद देने लगा। तभी मैं अपनी चरम सिमा जा पहुंची और मेरी चुत से मलाई निलकने लगी। पर भाई फिर भी मेरी चुत चोदता रहा।
उसका लिंग और दोनों गोटे मेरी चुत के चिपचिपे रस से सने हुए थे।
भाई मुझे हद से ज्यादा पेले जा रहा था। मुझे काफी तकलीफ होने लगी और मैं चिलाने लगी। मम्मी पापा को कुछ सुनाई न दे इसलिए मेने अपने मुँह पर खुद हाथ रखा अपनी चीखे रोकने लगी।
मेरी आँखों से आंसू निकलने लगे। मेरे आंसू देख भाई रुक गया और मेरी चुत से अपना लिंग तुरंत निकाल लिया।
पर उसे अपनी चरम सिमा का आनंद तो लेना ही था। उसने मुझे उठाया और बिस्तर पर खड़ा हो कर मेरे मुँह की चुदाई करने लगा। उसकी अन्तर्वासना शांत करने के लिए मुझे सब सहन करना पड़ा।
मुझे ये bhai behan ki jabardast chudai काफी भरी पड़ी। मुँह की चुदाई करते करते भाई के लिंग से काफी माल निकलने लगा। उसके गोटे काफी बड़े थे जिनमे काफी माल भरा था।
उसने अपना पूरा माल मुझे पीला दिया। मेरा शरीर काफी लाला हो गया और मेरा सारा काजल खराब हो गया। कोई भी मुझे इस हालत में देखता तो समझ जाता की मेरी जबरदस्त चुदाई हुई है।
भाई के साथ चुदाई करने में मुझे रोना तो आया पर मजा भी। आज तक इस तरह मुझे कोई नही छोड़ा। चुदाई के बाद भी मेरा शरीर खुद कांपने लगा।
उसके बाद भाई और मेने एक दूसरे को सेक्स और शारीरिक संतुष्टि के लिए इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। ये थी मेरी भाई बहन की जबरदस्त चुदाई कहानी अगर पसंद आई तो कमेंट करना। मेरी भाई बहन की सेक्सी स्टोरी पढ़ने के लिए धन्यवाद।